भोले बाबा 100 करोड़ का मालिक, पश्चिमी यूपी में बनवाए 24 आश्रम, सेवादारों की खड़ी कर रखी है फौज

हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा की संपत्ति पर बड़ी जानकारी सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स और भोले बाबा के आश्रमों के आधार पर संपत्ति का आकलन किया गया है। इसके आधार पर दावा किया जा रहा है कि नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा 100 करोड़ से अध

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हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा की संपत्ति पर बड़ी जानकारी सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स और भोले बाबा के आश्रमों के आधार पर संपत्ति का आकलन किया गया है। इसके आधार पर दावा किया जा रहा है कि नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा 100 करोड़ से अधिक संपत्ति का मालिक है। हाथरस कांड में भोले बाबा पर गंभीर आरोप लगे हैं। 80 हजार की अनुमति लेकर लाखों लोग जुटाने वाले भोले बाबा के सेवादारों ने कार्यक्रम स्थल पर व्यवस्था बनाए रखने में कामयाबी नहीं हासिल की। इस कारण 121 लोगों की मौत हो गई। भगदड़ के बाद भोले बाबा को लेकर कई खुलासे हुए हैं। भोले बाबा को लेकर मामला सामने आया है कि वह लग्जरी गाड़ियों के काफिले में चलता था। उसके पश्चिमी यूपी में 24 आश्रम हैं। वहीं, वह 80 सेवादारों की फौज रखे हुए है। भोले बाबा के आश्रम आलीशान हैं। बाबा का दावा है कि वह दान में एक पैसे नहीं लेता है। इसके बाद भी उसकी शानो-शौकत हैरान करने वाली है।

फिल्मी है भोले बाबा की कहानी

भोले बाबा उर्फ सूरज पाल की कहानी फिल्मी है। 1999 में यूपी पुलिस के सिपाही के पद से इस्तीफा दिया था। लोकल इंटेलिजेंस यूनिट से इस्तीफा दिए जाने के बाद उसने पटियाली गांव आकर छोटा सा आश्रम बनाया। बाबा ने दावा किया था कि विश्व हरि भगवान विष्णु ने उसे एक अलग शक्ति दी। इसके बाद वह क्षेत्र में साकार बाबा के रूप में पहचाना जाने लगा। बाद में उसने अपना नाम साकार विश्व हरि रख लिया। समय बीतने के साथ वह नारायण साकार विश्व हरि के तौर पर अपनी पहचान बना लिया। हालांकि, भगवान विष्णु का अवतार घोषित किए जाने के बाद उसे फायदा अधिक नहीं मिला तो उसने नाम के आगे भोले बाबा भी जोड़ लिया।

भक्तों के बीच वह भोले बाबा के नाम से प्रसिद्धि हासिल की। पश्चिमी यूपी के इलाके में सांप काटने वालों का जड़ी-बूटी से इलाज के जरिए वह प्रसिद्ध होने लगा। बाद के समय में कुछ बीमारियों का इलाज भी शुरू कर दिया। इससे वह महिलाओं के बीच काफी प्रसिद्धि हासिल करने लगा। सूरजपाल उर्फ भोले बाबा ने खुद को दान लेने से अलग रखा। लेकिन, सामान्य परिवार से आने वाले इस सिपाही ने ट्रस्ट बना दिए। सूरजपाल की छवि ट्रस्ट के जरिए भोले बाबा के रूप में प्रसिद्ध होने लगी। इसके बाद वह अपने प्रभाव को मध्य प्रदेश और राजस्थान तक फैलाया।

मैनपुरी में है आलीशान आश्रम

मैनपुरी में भोले बाबा का आलीशान आश्रम है। यहां पर 6 कमरे भोले बाबा और उसकी पत्नी के लिए रिजर्व हैं। इस आश्रम में 80 सेवादारों की फौज लगाई है। वह आश्रम की सुरक्षा में लगते हैं। बाबा का आश्रम करीब 21 बीघा इलाके में फैले हुए हैं। वहीं, बाबा के काफिले में 24 से 30 लग्जरी कारें रहती हैं। बाबा खुद फॉर्च्यूनर से चलते हैं। मैनपुरी का बिछुआ आश्रम तीन साल पहले बना था। यूपी में कहीं भी कार्यक्रम हो तो वह इसी आश्रम से आता-जाता है। 21 बीघे में बने आश्रम को करीब चार करोड़ की लागत से तैयार कराया गया है।

मैनपुरी आश्रम सीधे बाबा के नाम पर नहीं है। राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से इसका निर्माण कराया गया है। यहां पर 200 लोगों के दान देने की बात है। बाबा के इस आश्रम में सबसे अधिक ढाई लाख और सबसे कम 10 हजार रुपये दानदाता का नाम अंकित है। इस प्रकार बाबा खुद दान न लेकर ट्रस्ट के जरिए दान लेने की बात पुख्ता होती है।

प्रदेश में कई स्थानों पर है आश्रम

भोले बाबा का आश्रम प्रदेश के कई स्थानों पर है। कानपुर के बिधनू इलाके के कसुई गांव में तीन बीघे जमीन पर आश्रम बना हुआ है। वहीं, इटावा में 15 बीघा में आश्रम बना हुआ है। सराय भूपत के कटे खेड़ा गांव में बाबा का आश्रम बना हुआ था। नोएडा के सेक्टर-87 इलाबांस गांव में बाबा का आलीशान आश्रम है। वर्ष 2022 में ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर 16बी रोज याकूबपुर में समागम का आयोजन हुआ था। कासगंज के बहादुरनगर स्थित पटियाली गांव में बाबा का भव्य आश्रम है। यह बाबा का पैतृक गांव है। यहीं से बाबा के साम्राज्य की शुरुआत हुई थी।

पश्चिमी यूपी समेत प्रदेश के 24 आश्रम हैं। हर जिले में बाबा ने ट्रस्ट बना रखा है। ट्रस्ट की ओर से हम कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी के जरिए सत्संग का आयोजन किया जाता रहा है। आगरा में भी कार्यक्रम के आयोजन की तैयारी थी। मैनपुरी आश्रम से ही बाबा को इस कार्यक्रम में शामिल होने जाना था।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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